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Aiims Bhopal : एम्स के कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी विभाग में मनाया गया सातवां स्थापना दिवस

Aiims Bhopal : एम्स के कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी विभाग में मनाया गया सातवां स्थापना दिवस

भोपाल। एम्स भोपाल के कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) विभाग द्वारा शनिवार को अपना सातवां स्थापना दिवस मनाया गया। इस दौरान पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जरी पर एक कार्यशाला का भी आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक डॉ. अजय सिंह ने कहा कि बच्चों में हृदय संबंधित रोगों के इलाज के लिए एक टीमवर्क बहुत जरूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए जल्द ही एम्स भोपाल पीडियाट्रिक सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस की शुरुआत करने जा रहा है। जहां बच्चों को और बच्चों के लिए सभी प्रकार के इलाज मौजूद होंगे। इसकी एक स्पेशल टीम बनाई जाएगी। 

दो साल में हृदय रोगों की ओपीडी में 5000 मरीजों की वृद्धि

डॉ. अजय सिंह ने कहा कि संस्थान के प्रति हृदय रोगियों का भरोसा तेजी से बढ़ रहा है। इसके पीछे का प्रमुख कारण हमारी टीम की कड़ी मेहनत है। बीते दो साल में हृदय रोगों की ओपीडी में 5000 मरीजों की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जहां साल 2021 में 23 सौ के करीब मरीज ओपीडी में पहुंचे थे वहीं साल 2023 में यह आंकड़ा 7 हजार के पार दर्ज किया गया। इसी प्रकार हृदय से संबंधित सर्जरी की संख्या भी 2 साल में दोगुनी से ज्यादा बढ़ी है। जहां साल 2021 में 161 कार्डियक सर्जरी हुई थी, वहीं यह आंकड़ा 2023 में 400 से पार दर्ज किया गया। 

दिल में थे 8 छेद, सर्जरी कर बचाई जान
 

बच्चों में दिल के गंभीर रोगों से जुड़ी सर्जरी एम्स में शुरू हो गई हैं। हाल में एक तीन साल की बच्ची की सर्जरी की गई, जिसके दिल में 8 छेद थे। चार घंटे की जटिल सर्जरी के बाद सभी छेद बंद किए गए। यही नहीं हार्ट के चारों हिस्सों में बैलेंस बनाए रखने के लिए एक छेद बनाया भी गया। अब बच्ची का वजन भी बढ़ा है और ग्रोथ भी हो रही है। इसी प्रकार जन्म से ही नीले रंग का पैदा होने वाले कुछ बच्चों की सर्जरी की गई हैं। उनमें भी दिल से जुड़े जैनेटिक रोग थे। 

 

  विशेष पीडियाट्रिक कार्डियक सेंटर तैयार करना है टार्गेट
 

एम्स के निदेशक डॉ. अजय सिंह द्वारा विभाग को टार्गेट दिया गया है कि एक विशेष पीडियाट्रिक कार्डियक सेंटर तैयार किया जाए। इसी दिशा में विभाग काम कर रहा है। इस सीएमई में देश के जानेमाने एक्सपर्ट ने विभाग के डॉक्टरों को बच्चों में कार्डियक सर्जरी से जुड़ी विशेष जानकारी मुहैया कराई है। जल्द हार्ट लंग मशीन का प्रयोग बच्चों में किया जाएगा। 
डॉ. योगेश निवारिया एचओडी, कार्डियक सर्जरी विभाग, एम्स भोपाल

 

बच्चों में कार्डियक सर्जरी के मामले में दो बड़े चैलेंज 

बच्चों में कार्डियक सर्जरी के मामले में दो बड़े चैलेंज आते हैं। एक बीमारी से जुड़ी चुनौतियां होती हैं, इसी तरह मैनपावर दूसरी सबसे बड़ी चुनौती है। जब मैं कार्डियक सर्जरी में ट्रेनिंग करता था तब बच्चों को दिल से जुड़े आॅपरेशन के लिए विदेश जाना पड़ता था। आज न केवल देश, बल्कि मध्यप्रदेश और भोपाल में इलाज किया जा रहा है। यदि किसी बच्चे में दिल से जुड़ी कोई बीमारी सामने आती है। ऐसे में परिजनों को अब डरने या घबराने की जरूरत नहीं है। नई तकनीक और सुविघाओं में विस्तार से बहुत हद तक इलाज संभव हो गया है। मेक इन इंडिया से जल्द कार्डियक सर्जरी सस्ति होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि मेक इन इंडिया मूवमेंट से वॉल्व समेत कई चीजें भारत में बन रही हैं। जो कम दाम में उपलब्ध हो रही हैं, जिससे इलाज सस्ता हो रहा है।  
डॉ. केएस अय्यर, निदेशक, पीडियाट्रिक सर्जरी फोर्टिस अस्पताल, ओखला


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