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BHOPAL NEWS : ‘गोद’ लिए बेटे ने मकान और पैसों के लिए वृद्ध मां की हत्या कर बाथरूम के फर्श में चुन दी लाश

BHOPAL NEWS : ‘गोद’ लिए बेटे ने मकान और पैसों के लिए वृद्ध मां की हत्या कर बाथरूम के फर्श में चुन दी लाश

श्योपुर। श्योपुर में हत्या की एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है। यहां 20 साल पहले गोद लिए बेटे ने मकान और पैसों के लिए अपनी बूढ़ी मां की हत्या करने के बाद उसकी लाश को बाथरूम के अंदर चुन दिया। हत्या करने के लिए बेटे ने पहले बूढ़ी मां को सीढ़ियों से नीचे फेंका और फिर उसके सिर पर लोहे की रॉड से दो तीन वार किए। 

इसके बाद भी जब जान नहीं निकली तो साड़ी से गले में अंटा डालकर हत्या कर दी। इस वारदात का किसी को पता नहीं चले, इसलिए उसने खुद ही ईंट सीमेंट लाकर मां की लाश को बाथरूम के फर्श में चुन दिया और फिर खुद ही मां की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाने के लिए कोतवाली थाने पहुंच गया। कोतवाली पुलिस ने इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए न सिर्फ आरोपी बेटे को दबोच लिया, बल्कि बाथरूम को खुदवाकर उसमें दबे वृद्ध मां के शव को बाहर निकालकर उसका पीएम करवाया। पुलिस ने आरोपी बेटे को मामला दर्ज कर अरेस्ट कर लिया है। पुलिस अब इस बात का पता लगा रही है कि इस हत्याकांड में बेटे के अलावा और कोई तो शामिल नहीं है।

एसपी अभिषेक आनंद ने बताया कि, '8 मई को दीपक पचौरी निवासी रेलवे कॉलोनी श्योपुर ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 6 मई को उसकी मां उषा देवी (65 वर्ष) पत्नी स्व. भुवनेंद्र पचौरी मंदिर जाने की बात कहकर निकली थी जो लौटकर घर नहीं आई है। इस रिपोर्ट पर गुमशुदगी दर्ज कर कोतवाली पुलिस ने वृद्धा की तलाश शुरू कर दी। जब पुलिस टीम ने दीपक पचौरी के घर जाकर उससे फिर से पूछताछ की तो उसकी बातों पर संदेह हुआ। वहीं आसपास पड़ोस के लोगों सहित परिवार के लोगों के द्वारा आशंका जताई गई कि बेटे के द्वारा ही मां की हत्या कर दी गई है। इसके बाद जब पुलिस टीम ने दीपक पचौरी को हिरासत में लेकर उससे सख्ती के साथ पूछताछ की तो उसने अपनी मां की हत्या किए जाने की बात कबूल कर ली, साथ ही यह राज भी उगल दिया कि उसने मां की हत्या करने के बाद उसके शव को बाथरूम मेंं चुनवा दिया। '

पुलिस के मुताबिक शहर के शिवपुरी रोड पर भाजपा कार्यालय के पीछे रहने वाली उषा (65) पत्नी भुवनेंद्र पचौरी की कोई संतान नहीं थी। उनके पति भुवनेंद्र पचौरी वन विभाग में नौकरी करते थे। कोई संतान नहीं होने के कारण उन्होंने वर्ष 2004 में एक अनाथलाय से 4 साल के एक बालक को यह सोचकर गोद ले लिया कि उनका यह गोद लिया बेटा बड़ा होकर उनके बुढ़ापे का सहारा बनेगा। इसलिए दोनों पति पत्नी ने दीपक को गोद लेने के बाद उसकी अच्छे से परवरिश की और उसे खूब पढ़ाया लिखाया। मगर बड़ा होने पर दीपक बुढ़ापे का सहारा बनने के बजाए अपनी बूढ़ी मां का हत्यारा बन गया। दीपक की नजर उसके मकान और वृद्ध मां के नाम की 30 लाख रुपए की एफडी पर थी।


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