
रायपुर: प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के दावों और घोषणाओं के बाद भी आंबेडकर अस्पताल के लिये नयी सीटी स्कैन मशीन की खरीदी नहीं हो सकी है। यहां काम कर रही 13 साल पुरानी एकमात्र मशीन बार-बार बिगड़ रही है, जिसका सीधा असर मरीजों की जांच और इलाज पर हो रहा है। इसे लेकर मरीजों के साथ डाक्टर भी परेशान होने लगे हैं। बंद होने की शिकायतों के आधार पर मशीन के लगभग सारे पार्ट्स बदले जा चुके हैं, मगर इसके बिगड़ने का सिलसिला नहीं थमा है। आंबेडकर अस्पताल के रेडियो डायग्नोसिस विभाग के एक सीटी स्कैन मशीन के भरोसे पूरे अस्पताल के मरीजों की जांच का जिम्मा है। छह दिन पहले इसमें खराबी आने का दौर शुरू हुआ, जिसके बाद मरीजों को आवश्यक जांच के लिए डीके अस्पताल का रास्ता दिखाया जा रहा था।
मशीन को बदलकर नयी मशीन लाने की घोषणा:
समस्या उन मरीजों के साथ ज्यादा हो रही थी, जो अस्पताल में गंभीर स्थिति में भर्ती थे। मेंटेनेंस कंपनी ने काफी कोशिशों और चार दिन की मेहनत के बाद मशीन में सुधार किया। इसके बाद शुक्रवार से मशीन के पुनः जांच के लिये क्रियाशील होने के दावे के किये जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि 13 साल पुरानी इस मशीन को बदलने की बेहद जरूरत है, 24 घंटे काम करने की वजह से इसकी क्षमता समाप्त हो चुकी है और आए दिन यह साथ छोड़ देती है। इस मशीन को बदलकर नयी मशीन लाने की घोषणा राज्य के बजट में की गई है। इसके अलावा जिम्मेदारों द्वारा समय-समय पर होने वाली बैठक में नयी मशीन खरीदने का आश्वासन तो दिया गया है, मगर यह घोषणाएं कागजों से बाहर नहीं आ पाई हैं।
पीपीपी मोड विचाराधीन:
आंबेडकर अस्पताल में रेडियोडायग्नोसिस सहित विभिन्न तरह की जांच व्यवस्था को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर निजी संस्थानों को दिए जाने के प्रस्ताव पर भी शासन स्तर पर विचार किया जा रहा है। माना जा रहा है कि इसके माध्यम से मरीजों को 24 घंटे जांच की सुविधा मिल सकेगी और मशीन के रखरखाव सहित अन्य जिम्मेदारी अनुबंधित एजेंसी की होगी।
एमआरआई का भी हाल बुरा सीटी स्कैन की तरह एमआरआई:
मशीन का हाल भी काफी बुरा है। यह मशीन भी अवसर बंद हो जाती है। मशीन को चालू रखने और मरीजों की वेटिंग कम करने के लिए यहां टेक्निशियन की व्यवस्था तो की गई है, मगर इसकी जांच की रफ्तार कम होने की वजह से इसका वास्तविक उपयोग नहीं हो पाता। मरीजों को कई बार इसके लिए दूसरे अस्पतालों में भटकना पड़ता है।