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UPI Payments: अब 3 साल में बाद यूपीआई की हिस्सेदारी 90 फीसदी तक बढ़ेगी,  हर दिन एक अरब यूपीआई लेन-देन होंगे

UPI Payments: अब 3 साल में बाद यूपीआई की हिस्सेदारी 90 फीसदी तक बढ़ेगी,  हर दिन एक अरब यूपीआई लेन-देन होंगे

UPI Payments: यूपीआई (UPI) भारत में डिजिटल लेनदेन के माध्यम के रूप में तेजी से प्रगति कर रहा है और इसके द्वारा हर रोज करोड़ों लेन-देन किए जा रहे हैं. यह बदलाव भारत को डिजिटल संभावनाओं के मामले में ग्लोबल लीडर बना रहा है. एक रिपोर्ट के अनुसार, यूपीआई का उपयोग भविष्य में और भी बढ़ने की संभावना है और वित्त वर्ष 2026-27 तक हर दिन एक अरब यूपीआई लेन-देन होने की उम्मीद है. इसके साथ ही, यूपीआई का हिस्सा कुल डिजिटल भुगतान में 90 फीसदी से अधिक बढ़ जाएगा। यह रिपोर्ट पीडब्ल्यूसी इंडिया द्वारा जारी की गई है और इसमें इस तरह की अनुमानित जानकारी दी गई है.

यूपीआई ने डिजिटल भुगतान में कितनी फीसदी हिस्सेदारी हासिल की:
पीडब्ल्यूसी इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, यूपीआई (UPI) ने वित्त वर्ष 2022-23 में खुदरा डिजिटल भुगतान में 75 फीसदी हिस्सेदारी हासिल की है. इसके अनुसार, अगले 3 साल में यूपीआई की हिस्सेदारी 90 फीसदी तक बढ़ेगी. पिछले वर्षों में भारतीय डिजिटल भुगतान बाजार में वृद्धि हुई है और वित्त वर्ष 2022-23 में 103 अरब के लेन-देन यूपीआई के माध्यम से किए गए हैं. यह आंकड़े वित्त वर्ष 2026-27 तक 411 अरब तक बढ़ने की संभावना दिखा रहे हैं. इसका मतलब है कि 3 साल बाद यूपीआई से रोजाना एक अरब से अधिक लेन-देन होंगे.

शक्तिकांत दास ने डिजिटल पेमेंट के आंकड़ों बताए:
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने डिजिटल पेमेंट के बारे में नवीनतम आंकड़ों की जानकारी दी है। उनके अनुसार, वर्तमान में देश में प्रतिदिन लगभग 38 करोड़ डिजिटल पेमेंट हो रहे हैं। 2016 में इस आंकड़ा केवल 2.28 करोड़ था, जिसे अब 38 करोड़ के करीब पहुंचा गया है। यूपीआई इस दौरान सबसे अधिक योगदान दे रहा है, जहां हर रोज़ लगभग 29.5 करोड़ डिजिटल लेन-देन कार्यक्रम यूपीआई के माध्यम से हो रहे हैं.

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