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युगाधा शक्तिपीठ: क्षीरग्राम में देवी युगाद्या का दिव्य स्थान, जहां गिरा था सती का अंगूठा...

युगाधा शक्तिपीठ: क्षीरग्राम में देवी युगाद्या का दिव्य स्थान, जहां गिरा था सती का अंगूठा...

52 Shaktipeeths 29 Yugadha Shaktipeeth: पश्चिम बंगाल के वर्धमान (बर्दवान) जिले के क्षीरग्राम में स्थित युगाधा शक्तिपीठ भारत के प्रमुख 52 शक्तिपीठों में से एक अत्यंत प्राचीन और पावन स्थान माना जाता है। मान्यता के अनुसार, देवी सती के अंग भंग होने पर उनके दाहिने पैर का अंगूठा यहीं गिरा था। इसी कारण यह स्थान सदियों से शक्ति उपासकों का प्रमुख तीर्थ रहा है।

देवी युगाद्या और भैरव क्षीरकण्टक:

इस शक्तिपीठ की अधिष्ठात्री देवी को युगाद्या कहा जाता है, जबकि यहां के भैरव देवता का नाम क्षीरकण्टक है। माना जाता है कि यह स्थान दिव्य ऊर्जा, आध्यात्मिक साधना और शक्तिपूजा का महत्वपूर्ण केंद्र है।

क्षीरदिघी तालाब से जुड़ी रहस्यमयी लोककथा:

क्षीरग्राम में स्थित प्रसिद्ध क्षीरदिघी तालाब इस शक्तिपीठ की पौराणिकता को और भी विशेष बनाता है। स्थानीय लोककथा के अनुसार, देवी वर्ष भर इसी तालाब के जल में वास करती हैं और विशेष अनुष्ठानों तथा पर्व-त्योहारों पर बाहर आती हैं। यह कथा भक्तों के बीच इस स्थान को और अधिक पवित्र एवं चमत्कारिक बनाती है।

बैशाख संक्रांति पर लगता है भव्य मेला:

हर वर्ष बैशाख संक्रांति के अवसर पर युगाधा शक्तिपीठ में विशाल मेला आयोजित होता है, जिसमें दूर-दराज़ से हजारों श्रद्धालु आकर माता के दर्शन करते हैं। यह पर्व यहां का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है।

युगाधा शक्तिपीठ की दूरी:

युगाधा शक्तिपीठ पूर्वी रेलवे के वर्धमान जंक्शन से लगभग 39 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में है। क्षीरग्राम रोड से आगे बढ़ते हुए श्रद्धालु आसानी से इस पवित्र धाम तक पहुँच सकते हैं।


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