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आज सुहागिनों का सबसे बड़ा व्रत करवा चौथ, जानिए क्यों की जाती है चाँद की पूजा महत्व एवं कब है शुभ मुहूर्त 

आज सुहागिनों का सबसे बड़ा व्रत करवा चौथ, जानिए क्यों की जाती है चाँद की पूजा महत्व एवं कब है शुभ मुहूर्त 

करवा चौथ: हिन्दू धर्म में सुहागिनों का सबसे बड़ा व्रत करवा चौथ होता है,13 अक्टूबर 2022 गुरुवार को सुहागिन महिलाओं का महापर्व करवा चौथ है। इसका एक विशेष महत्त्व होता है, हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। इस साल करवा चौथ पर बहुत ही खास मुहूर्त है इस बार 13 साल में यह पहला मौका है जब करवा चौथ पर एक साथ तीन-तीन योग बन रहे हैं। दिन की शुरुआत सर्वार्थ सिद्धि योग से होगी। इस दिन शुक्र और बुध के एक ही राशि कन्या में होने की वजह से लक्ष्मी नारायण योग बन रहा है। वहीं, बुध और सूर्य भी एक ही राशि में रहकर बुधादित्य योग बना रहे हैं। 

करवा चौथ का शुभ मुहूर्त:


आज, 13 अक्टूबर 2022 गुरुवार को सुहागिन महिलाओं का महापर्व करवा चौथ है।  इस बार करवा चौथ के दिन सिद्धि योग बन रहा है और चंद्रमा अपनी उच्च राशि में और रोहिणी नक्षत्र में मौदूज रहेंगे।पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 54 मिनट से लेकर 07 बजकर 03 मिनट तक रहेगा। 


करवा चौथ का महत्त्व: 


चतुर्थी तिथि करवा चौथ का विशेष महत्व होता है। इस तिथि पर भगवान गणेश की पूजा और चंद्रदर्शन का विशेष महत्व होता है। चतु्र्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित होती है क्योंकि इस तिथि पर ही उनका जन्म हुआ था। हिंदू पंचांग के मुताबिक कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवा चौथ का त्योहार मनाया जाता है। यह सुहागिन महिलाओं के सबसे बड़े व्रत में से एक है।करवा चौथ सुहागिन महिलाओं के लिए अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद पाने का त्योहार माना जाता है।  इसमें सुबह से निर्जला व्रत रखते हुए सुहागिन महिलाएं 16 श्रृंगार करके शाम को करवा माता की पूजा करते हुए चांद के निकलने का इंतजार करती हैं, फिर चांद के निकलने पर दर्शन करते हुए अर्ध्य देकर व्रत का पारण करती हैं। करवा चौथ पर चांद की पूजा और अर्ध्य देने का विशेष महत्व होता है। शास्त्रों में चंद्रमा को औषधियों का स्वामी माना गया है जबकि ज्योतिष में चांद को मन का कारक ग्रह माना गया है। चांद की किरणों में शीतला प्रदान करने का गुण होता है। पुराणों में चांद को प्रेम,सुंदरता और सौंदर्य का प्रतीक माना है। इस कारण से सुहागिन महिलाएं करवा चौथ पर चांद के दर्शन करते हुए पति की लंबी आयु और सुखी दांपत्य जीवन की कामना के लिए चंद्रदेव की पूजा-आराधना करती हैं।


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