Road Of Bones : दुनिया में कई सड़कें अपने निर्माण, खूबसूरती और खतरनाक रास्तों के लिए जानी जाती हैं, लेकिन रूस में मौजूद एक हाईवे अपने भयावह इतिहास के कारण आज भी लोगों के रोंगटे खड़े कर देता है। यह है कोलयमा हाईवे, जिसे दुनिया भर में रोड ऑफ बोन्स यानी हड्डियों की सड़क के नाम से जाना जाता है। इसके नीचे हजारों नहीं, बल्कि लाखों इंसानों के अवशेष दबे होने की बात इतिहास दर्ज करता है।
कहां है ये सड़क?
यह हाईवे रूस के उत्तर–पूर्वी साइबेरिया के अत्यंत ठंडे इलाके में स्थित है। लगभग 2,025 किलोमीटर लंबा यह मार्ग भयंकर सर्द जलवायु, बर्फीले तूफानों और कठिन परिस्थितियों के लिए कुख्यात है। कई महीनों तक यहां सड़कें मोटी बर्फ की परत में दबी रहती हैं।
कैसे मिली सड़क में इंसानी हड्डियां?
आज भी इस हाईवे के किनारे या मरम्मत के दौरान भूमिगत खुदाई में मानव हड्डियां और कंकाल पाए जाते हैं। इतिहासकार बताते हैं कि 1930–1950 के बीच इस सड़क के निर्माण में लगाए गए अधिकांश मजदूर और कैदी अत्यधिक ठंड, भूख और अमानवीय परिस्थितियों में मर गए थे। मौतों का आंकड़ा इतना भयावह है कि माना जाता है कि लगभग 2.5 लाख से लेकर 10 लाख लोगों ने इस सड़क के निर्माण के दौरान दम तोड़ा। उनके शवों को दफनाने की सुविधा न होने के कारण उन्हें सीधे सड़क की परतों में ही दबा दिया गया। इसी कारण इसे रोड ऑफ बोन्स कहा जाने लगा।
कैसे पड़ा यह नाम?
इस सड़क का निर्माण सोवियत संघ के दौर में तानाशाह जोसेफ स्टालिन के आदेश पर शुरू हुआ था। लाखों राजनीतिक कैदियों और मजदूरों को यहां मजबूरन श्रम करवाया गया। तापमान अक्सर -50°C या उससे कम तक पहुंच जाता था। काम की स्थितियां इतनी भयावह थीं कि कहा जाता था, जो कोलयमा भेजा गया, वह वापस कभी नहीं लौटा। ठंड, यातना, भूख और थकान से मरने वाले लोगों को सड़क की बुनियाद में ही समा दिया जाता था। इसीलिए यह हाईवे आज भी एक विशाल कब्रिस्तान की तरह माना जाता है।
आज कैसा है यह हाईवे?
आज यह हाईवे आधुनिक वाहनों और पर्यटकों के लिए खुला है। कई लोग इसे दुनिया के सबसे कठिन और एडवेंचर से भरे रूट्स में से एक मानते हैं। लेकिन इस सड़क का इतिहास आज भी इसके हर किलोमीटर में मौजूद रूह कंपा देने वाली कहानियां बयां करता है।