रियल एस्टेट कंपनी: रेपो रेट में कटौती से मकानों की मांग बढ़ने के साथ क्षेत्र को मिलेगी गति

रियल एस्टेट कंपनी: रेपो रेट में कटौती से मकानों की मांग बढ़ने के साथ क्षेत्र को मिलेगी गति

नई दिल्ली: रिज़र्व बैंक की अगली मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले रियल एस्टेट से जुड़ी बड़ी संस्थाओं जैसे क्रेडाई (CREDAI) और नारेडको (NAREDCO )ने उम्मीद जताई है कि RBI रेपो रेट में कम से कम 0.25% की कटौती की जा सकती है। इससे मकानों की बिक्री बढ़ने की संभावना है। 4 जून को RBI की दर तय करने वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक होगी। शेखर पटेल राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा है हमें रेपो रेट मे 0.50% कटौती की उम्मीद है।

दर में कटौती से बिक्री बढ़ने की उम्मीद: 

पटेल ने बताया कि पिछले तीन महीनों से आवासीय संपत्तियों की मांग में थोड़ी गिरावट देखी गई है। ऐसे में यदि दरों में कटौती होती है, तो इससे बिक्री में सुधार आने की संभावना है।

200 से अधिक उद्योगों से जुड़ा है यह क्षेत्र:

नारेडको के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरी बाबू ने कहा कि रियल एस्टेट अर्थव्यवस्था का एक अहम चालक है, यह सिर्फ घरों की बिक्री तक सीमित नहीं, बल्कि सीमेंट, स्टील, फर्नीचर और सजावट जैसे 200 से ज्यादा क्षेत्रों से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि यह क्षेत्र आरबीआई की मौद्रिक नीति पर खास नजर रखता है, क्योंकि ब्याज दरों में बदलाव से आवास की मांग पर सीधा और प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष असर पड़ता है।

EMI में कटौती से घर खरीदना होगा आसान: 

हाउसिंग कंपनी के निदेशक कुशाग्र अंकल ने बताया कि अगर RBI फिर से ब्याज दरों में कटौती करता है, तो इसका सीधा फायदा घर खरीदने वालों को मिलेगा। खासकर मध्यम वर्ग के लोगों के लिए घर लेना आसान हो जाएगा, क्योंकि उनकी मासिक EMI कम हो जाएगी। EMI घटने से लोग जल्दी फैसला ले पाएंगे, जिससे फ्लैट की मांग भी बढ़ सकती है।

ब्याज दर कटौती से अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों को होगा फायदा: 

कृष्णा समूह और करसुमी कॉरपोरेशन के चेयरमैन अशोक कपूर ने कहा कि आरबीआई ने पिछली नीति समीक्षा में नरम रुख अपनाया था। अब फिर से कटौती की उम्मीद है, जिससे कई क्षेत्रों को राहत मिल सकती है।

रेपो रेट में 1% की कटौती भी बड़ी बचत का मौका: 

ARIPLके फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर सुरेंद्र कौशिक का कहना है कि अगर रेपो रेट में सिर्फ 1% की भी कटौती होती है, तो 20 साल के होम लोन पर ग्राहकों को अच्छी-खासी बचत हो सकती है। यह बचत घर खरीदने वालों के लिए एक बड़ा सहारा बनती है। इससे लोग तेजी से फैसला लेते हैं और रियल एस्टेट सेक्टर में उनका भरोसा भी बढ़ता है।


संबंधित समाचार