Green Peas Side Effects : सर्दियों के मौसम में हरी मटर बाजारों में खूब दिखाई देती है और भारतीय रसोई में इसका इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है। मटर पुलाव, आलू-मटर की सब्जी, मटर पराठा, चाट, इन सभी व्यंजनों में इसका स्वाद शामिल होता है। विटामिन A, C, E के साथ फाइबर, प्रोटीन और कई माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की वजह से इसे विंटर क्वीन कहा जाता है।
लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार, कुछ स्वास्थ्य स्थितियों वाले लोगों के लिए हरी मटर जहर का कारण भी बन सकती है। इसलिए ऐसी अवस्था में इसकी मात्रा नियंत्रित रखना जरूरी है।
इन लोगों के लिए मटर हानिकारक
कमजोर पाचन वाले लोग : जिन लोगों का पाचन तंत्र संवेदनशील होता है या जिन्हें इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS), दस्त या बार-बार पेट खराब रहने की आदत है, उनके लिए मटर भारी साबित हो सकती है। मटर में मौजूद कुछ कार्बोहाइड्रेट और फाइबर गैस, पेट फूलना और दस्त जैसी समस्याएं बढ़ा सकते हैं।
गैस और एसिडिटी मरीज : यदि किसी व्यक्ति को पहले से ही गैस या एसिडिटी की समस्या बनी रहती है, तो मटर के सेवन के बाद असहजता बढ़ सकती है। यह धीरे पचने वाली सब्जी है, इसलिए अधिक मात्रा में खाना स्थिति को बिगाड़ सकता है।
वजन कम करने वाले लोग : हरी मटर में कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कई अन्य सब्जियों से ज्यादा होती है। वजन कम कर रहे लोग या कैलोरी कंट्रोल कर रहे व्यक्तियों को मटर सीमित मात्रा में ही शामिल करनी चाहिए।
हाई यूरिक एसिड या किडनी समस्या : मटर में प्यूरीन की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ा सकती है। जिन लोगों को किडनी संबंधी दिक्कतें, गठिया या यूरिक एसिड बढ़ने की समस्या है, उन्हें मटर का सेवन डॉक्टर की सलाह के बाद ही करना बेहतर है।
डायबिटीज मरीज : हरी मटर में प्राकृतिक शर्करा और कार्बोहाइड्रेट मौजूद होते हैं, जो ब्लड शुगर को प्रभावित कर सकते हैं। डायबिटीज रोगियों को इसे अपनी डाइट में संतुलित मात्रा में और विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार शामिल करना चाहिए।
नोट : हरी मटर पोषक तत्वों से भरपूर है, लेकिन कुछ लोगों के लिए यह स्वास्थ्य जोखिम बढ़ा सकती है। जिन व्यक्तियों को पहले से कोई समस्या है, वे अपने शरीर की प्रतिक्रिया समझें और आवश्यकता पड़ने पर विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।