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Minister Pradyuman Singh Tomar Report Card : ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने पेश किया अपना रिपोर्ट कार्ड 

Minister Pradyuman Singh Tomar Report Card : ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने पेश किया अपना रिपोर्ट कार्ड 

Minister Pradyuman Singh Tomar Report Card : ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने सोमवार को पत्रकारवार्ता कर ऊर्जा विभाग की दो वर्षों की उपलब्धियों का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सभी उपभोक्ताओं को पर्याप्त, गुणवत्तापूर्ण और निर्बाध बिजली उपलब्ध कराने में पूरी तरह सफल रही है।

50 हजार पदों को मंजूरी 

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि 12 दिसंबर 2025 को मध्यप्रदेश के इतिहास में पहली बार 19,113 मेगावॉट की रिकॉर्ड विद्युत मांग बिना किसी कटौती के पूरी की गई। वर्तमान में प्रदेश की कुल अनुबंधित विद्युत क्षमता 25,081 मेगावॉट है, जिससे मध्यप्रदेश एक सरप्लस पावर स्टेट के रूप में उभरा है। उन्होंने बताया कि विद्युत कंपनियों में 50 हजार से अधिक नियमित पदों के सृजन को मंजूरी दी गई है। बिजली कंपनियों का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को पर्याप्त बिजली देना और वास्तविक खपत के अनुसार किफायती दरों पर बिल वसूली सुनिश्चित करना है। इसी दिशा में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं, ताकि समय पर और सही बिल उपभोक्ताओं को मिल सके।

शुरू किए जन संवाद कार्यक्रम 

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि उपभोक्ता संतुष्टि के आकलन के लिए जन संवाद कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में चौपाल कार्यक्रम आयोजित कर आम लोगों की समस्याएं सुनी जा रही हैं। स्मार्ट मीटर के जरिए सुबह 9 से शाम 5 बजे तक मिलने वाली सस्ती बिजली का लाभ उपभोक्ताओं को दिया जा रहा है। इस अवधि में खपत की गई बिजली पर 20 प्रतिशत तक की छूट प्रदान की जा रही है, जिससे ईमानदार उपभोक्ताओं को सीधा फायदा हो रहा है।

उपभोक्ताओं को बड़े स्तर पर सब्सिडी 

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार घरेलू, कृषि और अन्य श्रेणी के उपभोक्ताओं को बड़े स्तर पर सब्सिडी दे रही है। हर माह लगभग 1 करोड़ घरेलू उपभोक्ताओं से पहले 100 यूनिट की खपत पर केवल 100 रुपये लिए जा रहे हैं। किसानों को कुल देय राशि का मात्र 7 प्रतिशत दो किस्तों में चुकाना होता है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के 1 हेक्टेयर तक भूमि वाले, 5 हॉर्सपावर पंप उपयोग करने वाले किसानों को निःशुल्क बिजली दी जा रही है। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं को हर साल लगभग 26 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा रही है, जबकि उद्योगों को भी बिजली दरों में छूट के रूप में करीब 2 हजार करोड़ रुपये प्रतिवर्ष का लाभ मिल रहा है।

प्रदेश में 11 हजार करोड़ की बकाया राशि

हालांकि उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि बिजली बिलों का भुगतान न होने से प्रदेश में 11 हजार करोड़ रुपये से अधिक की बकाया राशि हो चुकी है। साथ ही बिजली चोरी की घटनाएं भी बढ़ी हैं, जिन्हें रोकना बेहद जरूरी है। सरकार ने इसके लिए समाधान योजना लागू की है, जिसमें मूल राशि जमा करने पर सरचार्ज माफ किया जा रहा है। बिजली चोरी पर सख्त कार्रवाई भी की जाएगी।

दो नए प्लांट स्थापित करने का लक्ष्य 

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि भविष्य में बिजली दरों को नियंत्रित रखने के लिए नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से अनुबंध किए जा रहे हैं। साथ ही अनावश्यक खर्चों में कटौती कर और जनरेटिंग प्लांट की ताप इकाइयों को लंबे समय तक चलाकर लागत कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं। भविष्य की मांग को ध्यान में रखते हुए उत्पादन और ट्रांसमिशन सिस्टम की विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई है। शासकीय जनरेटिंग कंपनी के अंतर्गत सारणी और चचाई में 660-660 मेगावॉट के दो नए प्लांट स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा अवैध कॉलोनियों में स्थायी विद्युतीकरण का रास्ता भी तलाशा जा रहा है।


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