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भारत के 53वें CJI बने जस्टिस सूर्यकांत, जानें सैलरी, भत्ते और सुविधाएं के बारे में सबकुछ

भारत के 53वें CJI बने जस्टिस सूर्यकांत, जानें सैलरी, भत्ते और सुविधाएं के बारे में सबकुछ

CJI Surya Kant Salary: भरता के नए मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में आज जस्टिस सूर्यकांत ने पदभार ग्रहण कर लिया है। जस्टिस सूर्यकांत को राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। भारत के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India- CJI) देश की न्यायिक प्रणाली के सबसे बड़े पद पर होते हैं और सुप्रीम कोर्ट के मुखिया होते हैं। जिन्हे मोटी सैलरी के साथ कई तरह की सुविधाएं दी जाते है। तो चलिए जानते है कि CJI की सैलरी,  भत्ते और घर के बारे में सबकुछ ... 

कितनी मिलती है सीजेआई को सैलरी?

देश के मुख्य न्यायाधीश को हर महीने 2,80,000 रुपये की सैलरी मिलती है। इसके अलावा हर महीने 45,000 रुपये का सत्कार भत्ता भी मिलता है और 10 लाख रपुये फर्निशिंग भत्ता भी दिया जाता है।वहीं अगर सीजेआई के पेंशन की बात करें, तो मुख्य न्यायाधीश को पेंशन के रूप में 16 लाख 80 हजार रुपये प्लस महंगाई राहत भत्ता सालाना दिया जाता है। वहीं सीजेआई को 20 लाख रुपये की ग्रेच्युटी भी मिलती है।

CJI सूर्यकांत को मिलेगी ये सारी सुविधाएं 

देश के सीजेआई को सैलरी के अलावा भी कई बड़ी सुविधाएं मिलती है। जैसे की दिल्ली में सबसे उच्च श्रेणी यानी टाइप VIII का बंगला, 24 घंटे सिक्योरिटी, नौकर-चाकर, क्लर्क, पेंशन आदि दिए जाते है। इतना ही नहीं घूमने के लिए सरकारी गाड़ी और ड्राइवर की सुविधा, हर महीने 200 लीटर तक पेट्रोल-डीजल मिलता है। इसके अलावा यात्रा के लिए भत्ता और पीसीओ भी मिलता है।

15 महीने का रहेगा कार्यकाल 

बता दें कि (CJI) जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई के रिटायर होने के बाद जस्टिस सूर्यकांत को देश के 53वें CJI  बनाए गए है। भरता के नए मुख्य न्यायाधीश (CJI) का कार्यकाल 15 महीने का रहेगा। वैसे तो न्यायमूर्ति सूर्यकांत को 30 अक्टूबर को अगला प्रधान न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। लेकिन शपथ ग्रहण आज हुआ। न्यायमूर्ति सूर्यकांत इस पद पर 9 फरवरी 2027 तक बने रहेंगे। 

10 फरवरी, 1962 को हरयाणा में हुआ जन्म 

बता दें कि CJI जस्टिस सूर्यकांत हरियाणा के हिसार जिले में 10 फरवरी, 1962 को मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे न्यायमूर्ति सूर्यकांत एक छोटे शहर के वकील से देश के सर्वोच्च न्यायिक पद तक पहुंचे हैं। वो राष्ट्रीय महत्व और संवैधानिक मामलों के कई फैसलों और आदेशों का हिस्सा रहे। उन्हें कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से कानून में स्नातकोत्तर में ‘प्रथम श्रेणी में प्रथम’ स्थान प्राप्त करने का गौरव भी प्राप्त है।
 

 


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