EXIT POLL 2023 : एग्जिट पोल के बाद एक्टिव हुए निर्दलीय, भाजपा-कांग्रेस का टेंशन हुआ हाई!

EXIT POLL 2023 : एग्जिट पोल के बाद एक्टिव हुए निर्दलीय, भाजपा-कांग्रेस का टेंशन हुआ हाई!

EXIT POLL 2023 : मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों की मतगणना से पहले जारी हुए एग्जिट पोलों के बाद से निर्दलीय प्रत्याशी पूरी तरह से एक्टिव हो गए है। सामने आए कई एग्जिट पालों से अनुमान लगाया जा रह है कि मध्यप्रदेश में निर्दलीय उम्मीदवारों के सहयोग के बिना कोई भी दल सरकार नहीं बना सकता है। सामने आए पोलों में करीब 8 निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव जीत सकते है। ऐसे में अगर भाजपा-कांग्रेस के बीच टक्कर होती है तो निर्दलीय किंगमेकर की भूमिका में हो सकते है। 

एग्जिट पोलों के आंकड़ांे को देखा जाए तो भाजपा-कांग्रेस दोनों दल दहलीज पर खड़े है। ऐसे में दोनों को बाहरी की जरूरत होगी और उस समय आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और निर्दलीय प्रत्याशी जीत के बाद ही काम आ सकते है। बता दें कि सामने आए कई एग्जिट पोलों में बीजेपी और कांग्रेस को बहुमत के आंकड़े से कुछ ही कम सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं। 

क्या इसबार निर्दलीय सरकार

कांग्रेस से नाराज होकर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप मंे चुनाव लड़े प्रेमचंद गुड्डू का दावा है कि इस बार प्रदेश में 8 निर्दलीय चुनाव जीतकर आ रहे है। उन्होंने दावा करते हुए कहा है कि निर्दलीय ही सरकार बनाने में अपनी अहम भूमिका अदा करेंगे। वही अन्य निर्दलीय उम्मीदवारों का कहना है कि चुनावी फैसला आने के बाद क्षेत्र की जनता और कार्यकर्ताआंे से बात करने के बाद ही फैसला लिया जाएगा। 

प्रदेशभर में निर्दलीयों का दबदबा

आपको बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में निर्दलीयों का काफी दबदवा देखा जा रहा है। क्योंकि भाजपा-कांग्रेस से नाराज और टिकट नहीं मिलने के चलते कई दिग्गज नेता चुनावी मैदान में डटे हुए है। प्रदेश की कई सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों की स्थिति काफी अच्छी मानी जा रही है। ऐसे में अगर भाजपा-कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर होती है तो निर्दलीय किंगमेकर की भूमिका में उभर सकते है। 

2018 में निर्दलीयों की भूमिका

आपको यह भी बता दें कि साल 2018 के विधानसभा चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवार के सहयोग से कांग्रेस ने सरकार बनाई थी। भले ही सरकार 15 महीने चली, लेकिन निर्दलीय किंगमेकर बनकर उभरे थे। साल 2018 में कांग्रेस को 114 सीटें मिली थी। वही बीजेपी को 109 सीटें मिली थी। जबकि बसपा को दो, सपा को एक और चार निर्दलीय चुनाव जीते थे। 


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