नई दिल्ली: मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा और बैतूल जिलों में जहरीले कफ सिरप के कारण हुई 25 बच्चों की मौत ने देशभर में दवा नियामक व्यवस्था को झकझोर दिया है। इस दर्दनाक हादसे के बाद केंद्र सरकार ने भारत की दवा नीति में ऐतिहासिक बदलाव किया है। दरअसल अब से कफ सिरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल की जांच को अनिवार्य कर दिया है। यह निर्णय न केवल मौजूदा संकट से निपटने के लिए लिया गया है, बल्कि भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए नीति स्तर पर की गई एक अहम पहल मानी जा रही है।
अब डीईजी और ईजी की जांच अनिवार्य:
छिंदवाड़ा से रिपोर्ट मिलने के सिर्फ 24 घंटे के भीतर, यानी 10 अक्टूबर 2025 को, औषधि महानियंत्रक ने मामले का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई शुरू की। इसके बाद इंडियन फार्माकोपिया कमीशन ने दवा नीति में तात्कालिक संशोधन करते हुए यह अनिवार्य किया कि, अब से देशभर में बनने वाले हर ओरल लिक्विड सिरप के फॉर्मूलेशन में डीईजी और ईजी की जांच फिनिश्ड प्रोडक्ट के स्तर पर अनिवार्य होगी।
नई सीमा तयः
संशोधित मानकों के अनुसार, यदि किसी सिरप में डीईजी या ईजी की मात्रा 0.1% से अधिक पाई जाती है, तो उसे नॉट ऑफ स्टेंडर्ड क्वालिटी घोषित कर दिया जाएगा।
बिना किसी औपचारिक आदेश के रोक: छिंदवाड़ा
कांड के बाद, मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में चार प्रकार की कफ सिरप की आपूर्ति पर चुपचाप रोक लगा दी है। इन सिरप्स को मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विसेज कॉर्पोरेशन के सॉफ्टवेयर सिस्टम से हटा दिया गया है। न तो कोई सार्वजनिक सूचना जारी की गई और न ही कोई लिखित प्रतिबंध, लेकिन सभी स्टोर रूम में इन सिरप की 5 लाख से ज्यादा बोतलें अब ठंडी पड़ी हैं।
जानें क्या है पूरा मामला:
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में एक कफ सिरप, कोलड्रफ पीने के बाद बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी। कुछ ही दिनों में 25 बच्चों की जान चली गई और कई अन्य गंभीर रूप से बीमार हो गए। जांच में सामने आया कि इस सिरप के बैच नंबर एसआर -13 में भारी मात्रा में डायथिलीन ग्लाइकॉल मौजूद था।
46.28% डायथिलीन ग्लाइकॉल की पुष्टि:
मध्यप्रदेश के ड्रग कंट्रोलर दिनेश श्रीवास्तव द्वारा दिल्ली भेजी गई रिपोर्ट में बताया गया कि कोलड्रफ सिरप के नमूनों में 46.28% डायथिलीन ग्लाइकॉल पाया गया, जो कि अत्यंत विषैला और जानलेवा होता है। दर असल, यह केमिकल मानव शरीर के लिए घातक है और इसका सेवन गुर्दे फेल होने, न्यूरोलॉजिकल डैमेज और मौत का कारण बन सकता है।