brazil drug raid: ब्राजील की राजधानी में मंगलवार सुबह एक ऐतिहासिक पुलिस ऑपरेशन चला। करीब 2,500 पुलिसकर्मियों ने हेलिकॉप्टर और बख्तरबंद वाहनों के साथ कुख्यात ‘रेड कमांड’ (Red Command) गैंग के ठिकानों पर छापेमारी की। जैसे ही सुरक्षाबलों ने इलाके में घुसपैठ की, अपराधियों ने ड्रोन से बम गिराने और गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी भारी हथियारों का इस्तेमाल किया। इस हिंसक मुठभेड़ में अब तक 64 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 4 पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं। अधिकारियों के मुताबिक यह ऑपरेशन एक साल से गुप्त रूप से तैयार किया जा रहा था ताकि इस शक्तिशाली ड्रग सिंडिकेट को खत्म किया जा सके।
80 से अधिक गिरफ्तार:
दिनभर चली इस कार्रवाई में पुलिस ने 80 से ज्यादा संदिग्धों को गिरफ्तार किया। रियो डी जेनेरियो के उत्तरी इलाकों में रहने वाले लगभग 3 लाख लोग दहशत में हैं, क्योंकि गोलियों और विस्फोटों की आवाजें लगातार गूंजती रहीं। कई आम नागरिक भी गोलीबारी की चपेट में आए और कई सड़कें अब भी बंद हैं। पुलिस ने इस दौरान 200 किलो से अधिक ड्रग्स, दर्जनों राइफलें और विस्फोटक हथियार बरामद किए हैं। सरकार के अनुसार, यह इलाका लंबे समय से रेड कमांड का मुख्य गढ़ रहा है वही गैंग जो सालों से ड्रग और हथियारों की तस्करी के साथ तटीय मार्गों पर कब्जा जमाए हुए था।
कैसे बना ब्राजील का सबसे ताकतवर गैंग:
‘रेड कमांड’ या Comando Vermelho (CV) की शुरुआत 1970 के दशक में एक जेल से हुई थी। उस समय ब्राजील सरकार ने वामपंथी नेताओं को जेल में बंद किया था। वहीं इन नेताओं ने आम अपराधियों के साथ मिलकर पुलिस अत्याचार के खिलाफ गठबंधन बनाया। धीरे-धीरे यह समूह जेल से बाहर निकलकर अपराध की दुनिया में फैल गया। आज यह ब्राजील का सबसे पुराना और सबसे शक्तिशाली आपराधिक संगठन है, जिसका नेटवर्क पड़ोसी देशों तक फैला हुआ है। इस संगठन का कोई एक नेता नहीं होता है, बल्कि हर इलाके में एक “कमांडेंट” होता है जो अपने क्षेत्र में ड्रग व्यापार और हिंसा पर नियंत्रण रखता है।
गरीबों के बीच लोकप्रियता और हिंसा का साम्राज्य:
ब्राजील के वे इलाके जहां सरकारी व्यवस्था कमजोर है, वहां रेड कमांड का राज चलता है। वे स्थानीय लोगों को राशन और मदद देकर समर्थन हासिल करते हैं, लेकिन उनका शासन डर और हिंसा के जरिए कायम रहता है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हाल के महीनों में यह गैंग लगातार नए इलाकों पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा था और ‘थर्ड प्योर कमांड (TCP)’ नामक प्रतिद्वंद्वी गिरोह से भिड़ंत बढ़ गई थी। ऑपरेशन का उद्देश्य: गैंग की ताकत तोड़ना और ठिकाने नष्ट करना, ब्राजील पुलिस ने बताया कि ऑपरेशन का मुख्य मकसद था। रेड कमांड के ठिकानों को ध्वस्त करना, उनके हथियार, पैसे और ड्रग नेटवर्क को खत्म करना, और उनके शीर्ष नेताओं को गिरफ्तार करना।
युद्ध के इतिहास में नया अध्याय:
इसके लिए पुलिस ने कॉम्प्लेक्स दो अलेमाओ और कॉम्प्लेक्स दा पेन्हा जैसे इलाकों में घुसपैठ की, जो गैंग के मुख्य केंद्र माने जाते हैं। ब्राजील में यह कार्रवाई न केवल रेड कमांड की ताकत पर सबसे बड़ा प्रहार है, बल्कि देश की सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी अब तक का सबसे कठिन ऑपरेशन साबित हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मुठभेड़ ब्राजील के ड्रग युद्ध के इतिहास में नया अध्याय लिखेगी।