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भारत में Jio देगा सबसे सस्ता 5G इंजरनेट, जानें आखिर 5जी के लिए क्यों जरुरी है 700 मेगाहर्ट्ज बैंड

भारत में Jio देगा सबसे सस्ता 5G इंजरनेट, जानें आखिर 5जी के लिए क्यों जरुरी है 700 मेगाहर्ट्ज बैंड

5G Spectrum: नई दिल्ली | भारत में जल्द ही 5जी इंटरनेट (5G internet service) की सेवा शुरु होने जा रही है। 26 जुलाई से चले रहे 5जी स्पेक्ट्रम (5G spectrum) की नीलामी सोमवार को खत्म हुई। नीलामी में रिलायंस जियो कंपनी (Reliance Jio company) ने 88,078 करोड़ रुपये की बोलियां लगाई और 5जी स्पेक्ट्रम के आधे से ज्यादा हिस्सा खरीद लिया। नीलामी की खास बात यह रही कि जियो ने देश की सभी 22 सर्किल के लिए 700 मैगाहर्ट्ज बैंड (700 MHz band) खरीदा। इस आवृति  के स्पेक्ट्रम को 5जी इंटरनेट के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। भारत में 5जी की सबसे बेहतर सेवाएं जियो कंपनी देगी यह कहना गलत नही होगा। कंपनी के चैयरमेन आकाश अंबानी ने भी कहा कि रिलायंस जियो देश में सबसे अच्छी सेवाएं देगा।
5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के साथ ही भारत में 5जी सर्विस का रास्ता साफ हो गया है। सभी 22 टेलीकॉम सर्किल्स में प्रीमियम 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में 5जी स्पेक्ट्रम खरीदने वाला जियो अकेला ऑपरेटर है। 5जी के लिए बेहतरीन माने जाने वाले इस बैंड पर सभी ऑपरेटर्स की नजर थी। पर इस प्रीमियम 700 मेगाहर्ट्ज बैंड को अपने नाम कर, जियो ने 5जी की दौड़ में शुरूआती बढ़त हासिल कर ली है। दुनिया भर में 700 मेगाहर्ट्ज बैंड को 5जी के लिए प्रमुख बैंड की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। यहां तक कि अमेरिका और यूरोपीय यूनियन ने इसे 5जी सर्विस के लिए ‘प्रीमियम बैंड’ घोषित किया हुआ है। दुनिया भर में इस बैंड के लोकप्रिय होने की कई वजह हैं।
लो फ्रीक्वेंसी बैंड होने के कारण 700 मेगाहर्टज बेस्ट
टेलीकॉम सेक्टर पर नजर रखने वाले रोहन धमीजा, 700 मेगाहर्टज की लोकप्रियता की सबसे बड़ी वजह इसकी बेहतरी इनडोर व आउटडोर कवरेज को मानते हैं। लो फ्रीक्वेंसी बैंड होने के कारण इसके सिगनल इमारतों के कहीं भीतर तक प्रवेश कर सकते हैं यानी इनडोर कवेरज के मामले में यह लाजवाब है। इसलिए  700 मेगाहर्ट्ज बैंड को घनी आबादी के क्षेत्रों और भारी डेटा खपत वाले इलाकों के लिए आदर्श माना जाता है।
700 मेगाहर्ट्ज बैंड के टावर की रेंज 10 किलोमीटर तक
दूसरी वजह है इसकी लॉन्ग आउटडोर कवरेज। 700 मेगाहर्ट्ज बैंड का टावर करीब 10 किलोमीटर तक कवरेज दे सकता है। इसकी कवरेज के कारण ऑपरेटर को कम टावर लगाने पड़ते हैं, ऑपरेटिंग कॉस्ट कम आती है। इसलिए कीमती होने के बावजूद यह बैंड किफायती 5जी सेवाओं के लिए मुफीद है। भारत जैसे देश में जहां अभी भी बड़ी संख्या गांवों में रहती है वहां 700 मेगाहर्ट्ज बैंड की विशाल कवरेज, ग्रामीण भारत को कनेक्ट करने में मदद कर सकती है। यानी 5जी केवल शहरों तक ही सीमित नही रहेगी। गांवों में भी इसका फायदा पहुचना निश्चित है। संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी 700 मेगाहर्ट्ज बैंड को, दूर-दराज के ग्रामीण / भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में कनेक्टिविटी प्रदान करने में मदद करेने वाला बताया था।
 5G नेटवर्क को सपोर्ट करता है 700 मेगाहर्ट्ज बैंड
तीसरी और सबसे महत्वपूर्ण है डेटा ट्रैफिक हैंडलिंग में इसकी महारत। यह बैंड स्टैंडअलोन 5G नेटवर्क को सपोर्ट करता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि 1800 मेगाहर्ट्ज की तुलना में 5 गुना और 900 मेगाहर्ट्ज की तुलना में दोगुना अधिक कुशल है 700 मेगाहर्ट्ज बैंड। 26 गीगाहर्ट्ज हाई फ्रीक्वेंसी मिलीमीटर बैंड की गति तो तेज है पर इसकी कवरेज बेहद सीमित है। साथ ही 2100 मेगाहर्ट्ज के मुकाबले 700 मेगाहर्ट्ज में ब्रॉडबैंड सेवाएं देना सस्ता पड़ता है।


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