भोपाल : प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में निजी स्कूलो की मनमानी का बेहद ही सनसनीखेज मामला सामने आया है। इंदौर के नामी स्कूल एमरॉल्ड हाइट इंटरनेशन के प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगे हैं। पीड़ित पक्ष ने मामले की शिकायत बाल कल्याण आयोग में दर्ज कराई है। साथ ही स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह, इंदौर कलेक्टर, एसपी और जिला शिक्षा अधिकारी से भी न्याय की गुहार लगाई है। पीड़ित पक्ष 10 वीं के छात्र के अभिभावक हैं। उनका आरोप हैं कि स्कूल प्रबंधन ने उनके बेटे को झूठे आरोपों में फंसाने की कोशिश की। बिना सबूत गंभीर आरोप लगाकर स्कूल से निकाल दिया। पीड़ित छात्र शूटिंग का नेशनल लेवल का खिलाड़ी हैं। लेकिन स्कूल प्रबंधन ने पिछले डेढ़ महीने से छात्र को इतना प्रताड़ित कर दिया कि उसका करियर बर्बाद होने की कगार पर है।
स्कूल प्रबंधन ने बिना कारण किया टर्मिनेट - अभिभावक
पीड़ित छात्र के अभिभावक बालाघाट के रहने वाले हैं। छात्र के पिता साजिद एम इब्राहिम पिल्लै ने बाल कल्याण समिति में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि उनका बेचा एमरॉल्ड हाइट इंटरनेशनल स्कूल इंदौर में 10 वीं का छात्र है। 27 नवंबर को स्कूल प्रबंधन की तरफ से उन्हें सूचना दी गई कि उनके बेटे ने स्कूल में मारपीट की घटना को अंजाम दिया है। लिहाजा वें उसे टर्मिनेट कर रहे हैं। सूचना मिलते ही साजिद चिंता में आ गए और पत्नी के साथ फौरन इंदौर के लिए रवाना हुए ।
गुहार बेअसर, जिद पर अड़ा प्रबंधन
शिकायतकर्ता ने बताया कि 29 नवंबर को उनकी पत्नी स्कूल पहुंची। उन्होंने स्कूल प्रबंधन से एकतरफा फैसला वापस लेने की गुहार लगाई। प्रबंधन को बताया कि छात्र 10 वीं कक्षा में है। साथ ही शूटिंग का खिलाड़ी है। टर्मिनेशन की वजह से उसका कैरियर पर बुरा असर पड़ेगा। लेकिन पीड़ित छात्र की मां की गुहार को भी मैनेजमेंट ने ठुकरा दिया और वों छात्र को स्कूल से बाहर निकालने की जिद पर अड़े रहे, और जबरन उसे स्कूल से निकाल दिया।
पीड़ित छात्र ने अभिभावकों को बताई हकीकत
साजिद एम इब्राहिम पिल्लै ने अपनी शिकायत में बताया कि वें और उनकी पत्नी स्कूल प्रबंधन के एकतरफा आदेश से हतप्रभ थे। लिहाजा उन्होंने अपने बेटे से बातचीत की। जिसमें पीड़ित छात्र ने सनसनीखेज खुलासे किए। उसने बताया कि 11 वीं कक्षा के छात्रों ने उसके साथ 25 और 26 नवंबर को मारपीट की थी। जिसकी शिकायत करने पर भी आरोपी छात्रों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके उलट स्कूल प्रबंधन ने ही उसे सर्द रातों में गार्ड रूम के बाहर घंटों खड़े होने की सजाएं दी। मारपीट और सजा की वजह से छात्र की तबीयत बिगड़ गई।
टीचर्स ने प्राथमिक इलाज तक नहीं कराया - अभिभावक
पीड़ित छात्र के साथ मारपीट की घटना के साक्षी स्कूल टीचर्स भी थे। लेकिन किसी ने उसे न्याय दिलाने की जहमत नहीं उठाई। इतना ही नहीं मारपीट में घायल छात्र को प्राथमिक इलाज भी मुहैया नहीं कराया। तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर परिजन ने इंदौर के सरकारी अस्पताल में इलाज कराना चाहा। लेकिन डॉक्टरों ने बिना एफआईआर के इलाज करने से इनकार कर दिया। लिहाजा परिजन उसे लेकर बालाघाट पहुंचे, जहां निजी अस्पताल में इलाज कराया गया।
सीसीटीवी फुटैज उपलब्ध नहीं करा रहा स्कूल प्रबंधन
स्कूल प्रबंधन ने छात्र पर मारपीट करने का आरोप लगाया था। प्रबंधन ने अभिभावकों को बताया था कि उनके बेटे ने स्कूल में मारपीट की है। लिहाजा उसे टर्मिनेट किया गया। लेकिन छात्र ने अभिभावकों को जो हकीकत बताई वो प्रबंधन के आरोपों के उलट है। छात्र के मुताबिक उसने मारपीट नहीं की है, बल्कि उसे ही प्रताड़ित किया गया है। लिहाजा अभिभावकों ने सीसीटीवी फुटैज की मांग की है। उनका कहना हैं कि छात्र के साथ 26 से 29 नवंबर के बीच मारपीट की गई, यातनाए दी गई। स्कूल परिसर में 1100 कैमरे लगे हैं। लिहाजा फुटैज की जांच से सच सामने आ जाएगा। लेकिन स्कूल प्रबंधन फुटैज उपलब्ध नहीं करा रहा है।