18 दिसंबर 2025 को लोकसभा में भारी राजनीतिक विरोध और शोर-शराबे के बीच भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल, जिसे जी राम जी (VB–G Ram G) कहा जा रहा है, पारित कर दिया गया। बिल के पास होते ही विपक्षी सांसदों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया और सदन में बिल से जुड़े कागज फाड़कर फेंक दिए।
सदन का माहौल इतना तनावपूर्ण हो गया कि लोकसभा अध्यक्ष को कार्यवाही अगले दिन तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
बिल पर शिवराज सिंह चौहान का जवाब
बिल पर चर्चा के दौरान केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में सरकार का पक्ष रखा। इस दौरान विपक्षी सांसद लगातार नारेबाजी करते रहे और वेल में आकर प्रदर्शन किया।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा—“हम किसी से भेदभाव नहीं करते। बापू हमारी प्रेरणा और श्रद्धा हैं। पूरा देश हमारे लिए एक है। देश हमारे लिए केवल जमीन का टुकड़ा नहीं है। हमारे विचार संकीर्ण और संकुचित नहीं हैं।”
स्थायी समिति भेजने की मांग खारिज
कांग्रेस सांसद के. जी. वेणुगोपाल ने स्पीकर से मांग की कि इस बिल को स्थायी समिति या संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा जाए। हालांकि लोकसभा अध्यक्ष ने यह कहते हुए अनुरोध अस्वीकार कर दिया कि इस विधेयक पर 14 घंटे से अधिक समय तक विस्तृत बहस हो चुकी है।
विपक्ष की नारेबाजी के बीच केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन से बहस जारी रखने की अनुमति देने की मांग की।
नाम बदलने के मुद्दे पर कांग्रेस पर निशाना
बिल के नाम को लेकर उठे विवाद पर शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा—
“कांग्रेस को नाम रखने की सनक रही है। नेहरू परिवार के नाम पर दर्जनों योजनाएं रखी गईं। राजीव गांधी के नाम पर 55 राज्य सरकार की योजनाएं, 74 सड़कें और 15 नेशनल पार्क नेहरू जी के नाम पर हैं।”
विपक्ष का विरोध जारी
गौरतलब है कि कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने 16 दिसंबर को ही इस बिल का विरोध करते हुए कहा था कि हर योजना का नाम बदलने की प्रवृत्ति समझ से परे है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने जानबूझकर महात्मा गांधी के नाम को हटाया है, जबकि सरकार इसे वैचारिक प्रेरणा से जोड़कर देख रही है।