NATIONAL BREAKING : गुरुवार सुबह 3.30 बजे से 10 राज्यों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कई ठिकानों पर नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने छापेमारी की NIA, ED और राज्य पुलिस की तरफ की जारी इस रेड के विरोध में PFI के कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। केरल के मल्लपुरम, तमिलनाडु के चेन्नई, कर्नाटक के मंगलुरु समेत कई जगहों पर संगठन के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए हैं। PFI ने बयान जारी करते हुए कहा है कि आवाज दबाने के लिए यह कार्रवाई की जा रही है। सेंट्रल एजेंसी हमें प्रताड़ित कर रही है। फुलवारी शरीफ से पुलिस ने अतहर और अलाउद्दीन को गिरफ्तार किया था। आरोप था इनके पास से इंडिया 2047 नाम का 7 पेज का डॉक्यूमेंट भी मिला है। इसमें दर्ज प्लान पर काम करते हुए ये अगले 25 साल में भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाना चाहते थे। जुलाई में पटना पुलिस ने फुलवारी शरीफ में छापेमारी कर आतंकी साजिश का खुलासा किया था। खुलासे के मुताबिक आंतकियों के निशाने पर प्रधानमंत्री मोदी थे। इस केस में PFI के कार्यकर्ताओं का नाम सामने आने के बाद सितंबर में NIA ने बिहार में छापेमारी की थी। 20 सितंबर को हिजाब विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कर्नाटक सरकार की तरफ से पक्ष रखते हुए कहा कि 2021 तक लड़कियों को ड्रेस कोड से परेशानी नहीं थी।
दरअसल कर्नाटक के उडुपी में इसी साल के शुरुआत में हिजाब का विवाद शुरू हुआ। कर्नाटक सरकार के मुताबिक इस विवाद के पीछे भी PFI के कार्यकर्ता थे। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि PFI की साजिश की वजह से कर्नाटक में हिजाब का विवाद पैदा हुआ। समाज में सांप्रदायिकता फैलाने के आरोप में PFI अभी सिर्फ झारखंड में ही बैन है। इसके खिलाफ संगठन ने कोर्ट में अपील भी की है। वहीं केंद्र सरकार भी PFI पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। इसके लिए अगस्त में ही एक टीम बनाई गई थी, जिसे 3 मोर्चे पर काम करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। सोशल मीडिया पर यह लिस्ट सर्कुलेट हो रही है। इसमें दावा किया गया है कि NIA ने ED और राज्य पुलिस के साथ मिलकर 11 राज्यों से 106 लोगों को गिरफ्तार किया है।