RAIPUR : LGBTQ समुदाय ने रविवार को रायपुर शहर में प्राइड मार्च निकाला। छत्तीसगढ़ की राजधानी में घड़ी चौक से तेलीबांधा तक निकाले गए इस मार्च में देश के अलग-अलग राज्यों से LGBTQ समुदाय के लोग शामिल हुए। घड़ी चौक से तेलीबांधा तक रंगीन झंडे, रंगीन छत्रियों और रंगीन गुब्बारों के साथ लेस्बियन, गे, बाईसेक्सुल और ट्रांसजेंडर कम्यूनिटी के लोग दिखे। सभी ने इस कम्युनिटी से ताल्लुक रखने वालों के साथ प्यार से पेश आने, उन्हें इज्जत देने और समाज में उन्हें भी अपना स्थान देने का संदेश लिखे पोस्टर थाम रखे थे। जब सड़क पर ये अनूठे अंदाज में निकले तो लोगों को हैरानी भी हुई। किसी ने शर्ट पर साड़ी पहन रखी थी, तो कोई दाढ़ी वाला युवक गाउन पहने हुए था।
छत्तीसगढ़ प्राइड मार्च का आयोजन मितवा समिति और क्वीरगढ़ की तरफ से किया गया था। संस्था से जुड़े सिद्धांंत ने कहा कि हमारी प्राइड मार्च कलर फुल रही। हम भी इंसान हैं, इंसानों की ही तरह हमें भी समाज में, राज्य में रहने का हक है। हमें बस रिस्पेक्ट और एक्सेप्टेंस चाहिए। छत्तीसगढ़ प्राइड मार्च के आयोजन का मकसद यही था कि LGBTQ समुदाय अपने बारे में सारे लोगों को बताएं। हम मौजूद हैं। समाज में हमारा भी योगदान है। हमें भी बराबरी मिले। बराबरी से हमारा मतलब समलैंगिक कपल शादी करें, सरकार और समाज उन्हें सुविधा दे, अपनाएं। कंवर्ट करने के लिए कई तरह के मेडिकल फ्रॉड हो रहे हैं इनपर रोक लगे।
LGBTQ का मतलब
L - लेस्बियन
यानी एक महिला या लड़की का समान लिंग के प्रति आकर्षण। इसमें दोनों पार्टनर लड़की ही होती हैं। कई बार किसी एक पार्टनर का लुक, पर्सनालिटी पुरुष जैसी हो सकती है या नहीं भी हो सकती है।
G - गे
‘गे’। जब एक आदमी को एक और आदमी से ही प्यार हो तो उन्हें ‘गे’ कहते हैं। ‘गे’ शब्द का इस्तेमाल कई बार पूरे समलैंगिक समुदाय के लिए किया जाता है, जिसमें ‘लेस्बियन’, ‘गे’, ‘बाइसेक्सुअल’ सभी आ जाते हैं।
B बाईसेक्सुअल
B - ‘बाईसेक्सुअल’। जब किसी मर्द या औरत को मर्द और औरत दोनों से ही प्यार हो और यौन संबंध भी बनाते हों तो उन्हें ‘बाईसेक्सुअल’ कहते हैं। मर्द और औरत दोनों ही ‘बाईसेक्सुअल’ हो सकते हैं। दरअसल एक इंसान की शारीरिक चाहत तय करती है कि वो L है G है या फिर B है।
T ट्रांसजेंडर
T- मतलब। ‘ट्रांसजेंडर’। वह इंसान जिनका शरीर पैदा होते समय कुछ और था और वह बड़ा होकर खुद को एकदम उलट महसूस करने लगे। जैसे कि पैदा होने के वक्त उसका शरीर पुरुषों का था और उसका नाम लड़के वाला था। मगर कुछ समय बाद उसने खुद को पाया कि वो तो लड़की जैसा महसूस करता है। इस पर कुछ लोग लिंग परिवर्तन भी कराते हैं। लड़के लड़कियों वाले हार्मोंस लेते हैं। ये लोग ‘ट्रांसजेंडर’ हैं। इसी तरह औरत भी मर्द जैसा महसूस करती हैं तो वो मर्दों की तरह लगने के लिए चिकित्सा का सहारा लेती हैं। वह भी‘ट्रांसजेंडर’ हैं।
Q क्वीयर
Q का मतलब है ‘क्वीयर’। ऐसे इंसान जो न अपनी पहचान तय कर पाए हैं न ही शारीरिक चाहत। मतलब ये लोग खुद को न आदमी, न औरत न ‘ट्रांसजेंडर’ मानते हैं और न ही ‘लेस्बियन’, ‘गे’ या ‘बाईसेक्सुअल’, उन्हें ‘क्वीयर’ कहते हैं। ‘क्वीयर’ के ‘Q’ को ‘क्वेश्चनिंग’ भी समझा जाता है। यानी वो जिनके मन में अपनी पहचान और शारीरिक चाहत पर अभी भी बहुत सवाल हैं।