भोपाल : मध्यप्रदेश की आदिवासी नेता और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री संपतिया उइके पर 1000 करोड़ रुपये की घूस खोरी करने का मामला सामने आने के बाद प्रदेश की राजनीतिक गलियारों में जहां एक तरफ हड़कप मच गया है। तो वही दूसरी तरफ मंत्री संपतिया उईके ने अपने उपर लगे आरोप का खंडन करते हुए बयान जारी किया है। जिसमे उन्होंने साफ़ कहा कि मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है। क्योकि में जनता की सेवा कर रही है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में दूंगी हर सवाल का जवाब
मंत्री संपतिया उईके ने आगे कहा कि मैं बिल्कुल सही हूं जांच करें, मुझे कोई परेशानी नहीं है. मुझे परेशान किया जा रहा है. मेरी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ है. अगर कोई शिकायत आती है तो हमारी सरकार खुद जांच करवाती है. उन्होंने आगे कहा कि मैं मुख्यमंत्री से मिलने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और एक-एक सवाल का जवाब दूंगी. मेरा संगठन मुझे जानता है कि मैं कैसी हूं।
सात दिनों में रिपोर्ट देने के निर्देश
हालांकि इस पूरे मामले को देखते हुए राज्य सरकार ने स्वयं अपने मंत्री के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए हैं। यह जांच प्रधानमंत्री कार्यालय से रिपोर्ट मांगे जाने के बाद तेज़ी से शुरू की गई है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (PHE) विभाग के प्रमुख अभियंता संजय अंधवान ने सभी मुख्य अभियंताओं और जल निगम के परियोजना निदेशकों को सात दिनों में विस्तृत रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही मंत्री संपतिया उईके और मंडला के कार्यपालन यंत्री, जिन पर उनके लिए घूस इकट्ठा करने का आरोप है, उनकी संपत्ति की जांच भी करने को कहा गया है।
पूर्व विधायक किशोर समरीते ने की शिकायत
बता दें कि यह गंभीर आरोप पूर्व विधायक किशोर समरीते द्वारा पीएम को भेजे गए पत्र से सामने आए हैं। 12 अप्रैल को भेजी गई इस शिकायत में कहा गया है कि मंत्री ने मिशन से एक हजार करोड़ की कमीशन वसूली की है। शिकायत में तत्कालीन प्रमुख अभियंता बीके सोनगरिया और उनके अकाउंटेंट महेंद्र खरे पर करोड़ों रुपए की घूसखोरी के आरोप लगाए गए हैं। साथ ही बैतूल में कार्यपालन यंत्री पर बिना किसी कार्य के 150 करोड़ रुपये निकालने का आरोप। छिदवाड़ा और बालाघाट में भी इसी तरह की अनियमितताएं। बता दें कि भारत सरकार ने मध्यप्रदेश को जल जीवन मिशन के तहत 30,000 करोड़ रुपये फंड दिए है।