हरदा।मध्य प्रदेश के जिले हरदा में एक पटाखा फैक्टरी में आग लग गयी थी। इसके बाद कई लोगों की मौत भी हुई थी । इस घटना के बाद सरकार ने कहा था कि कोई भी अरोपी बक्शा नहीं जायेगा। हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट मामले में अब तक छ की गिरफ्तारी हुई थी । इस मामले में पुलिस ने मंगलवार को एक और अरोपी की गिरफ्तारी हुई।हरदा ब्लास्ट के बाद रोज नये-नये खुलासे हो रहे हैं।
हरदा में पटाखा फैक्टरी के अंदर भयानक आग लग गई थी। इसमें कई मजदूर की जान और कई घायल भी हो गये थे। धमाके से 13 लोगों की मौत हुई है 200 से ज्यादा लोग घायल हुए। ब्लास्ट के बाद पूरा इलाका वीरान हो गया है। इसमें सरकार ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख और घायलों को 2-2 लाख मुआवजा देने को कहा है।
पटाखा निर्माण का लाइसेंस
इधर ब्लास्ट मामले में यह बात सामने आई है कि फैक्ट्री संचालक जितने जिम्मेदार हैं, उनती ही जिम्मेदारी प्रशासन के अधिकारियों की भी है। विस्फोटक नियंत्रक ने फैक्ट्री को पटाखा निर्माण का लाइसेंस नहीं दिया था। आम पटाखा विक्रेताओं की तरह पटाखों को स्टॉक करने का लाइसेंस था। आम लाइसेंस को मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था। राजेश और सोमेश अग्रवाल बिना लाइसेंस के 4 फैक्ट्रियां चला रहे थे। तत्कालीन कलेक्टर ऋषि गर्ग ने 2022 में फ़ैक्ट्री लाइसेंस को सस्पेंड किया था।
कलेक्टर की इजाजत
तत्कालीन कमिश्नर माल सिंह ने कलेक्टर के आदेश के खिलाफ स्टे दिया था। तत्कालीन एडीएम ने बगैर कलेक्टर की इजाजत के लाइसेंस रिन्यू कर दिया था। कलेक्टर ने लाइसेंस सस्पेंड किया तो तत्कालीन संभागायुक्त ने कलेक्टर के आदेश के विरुद्ध स्टे क्यों दिया? फैक्ट्री बेलगाम चलती रही और प्रशासन तमाशा देखता रहा। जिम्मेदारों ने कंपनी सील नहीं की। नतीजा, क्लस्टर की तरह बम फटे और लोगों की जान गई।
अब तक गिरफ्तार
हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट मामले में पुलिस ने मंगलवार को सातवें आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी आयुष गर्ग (27) को देवास जिले के अजनास से पकड़ा है। इसके पहले आरोपी राजेश अग्रवाल, सोमेश अग्रवाल, रफीक खान, अमन तमखाने और आशीष तमखाने की गिरफ्तारी हो चुकी है।