UK: ऊर्जा संकट के समस्या के कारण लिए गए इस फैसले से दुनिया के कई देशों में फ्रेंकिंग पर ली गयी निर्णय की आलोचना की जा रही है.
फ्रेंकिंग एक ऐसी प्रक्रिया (हाइड्रालिक फ्रैक्चरिंग) जिसमे जमीन खोदकर पानी, गैस, और तेल निकाला जाता है. इस पूरी प्रक्रिया के लिए ड्रिलिंग या में पानी के साथ कुछ केमिकल डालकर हाईप्रेशर पर जमीन के अंदर डाला जाता है. जिससे चट्टान में दरार आ जाती है. इससे निकलने वाली गैस को एकत्रित कर 5 दिनों बाद कुएं को दोहन के लिए तैयार कर लिया जाता है
2019 में भूकंप आने के कारण इस पूरी प्रक्रिया पर बैन लगा दिया गया था जिसकी सहमत ब्रिटेन ने भी की थी
देश को ऊर्जा संकट से दूर करने के लिए इस फैसले को लिया गया है पर इस फैसले से बहुत सारे देश सहमत नहीं है इस संदर्भ पर पर्यावरणविदों का कहना है कि इससे भूजल के साथ साथ वायु प्रदुषण भी होगा।