मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को कोंडागांव जिले का दौरा किया। इससे पहले, उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि डॉ. रमन सिंह उनसे और उनके कार्यकर्ताओं से दूर हो गए हैं और जनता से भी दूर हो गए हैं। वह कहा कि वे पूर्व मुख्यमंत्री होने के बावजूद अब उनसे अधिक सुरक्षा है। उनका कमांडो घेरा लगातार मजबूत हो रहा है।
वहीं, छत्तीसगढ़ में भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं के आयोजित दौरों के संबंध में, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि चुनावों के बाद भी भाजपा के प्रदेश प्रभारियों का नियमित बदलाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले डी. पुरंदेश्वरी को प्रभारी बनाया गया, फिर उसे बदल दिया गया। फिर जामवाल आए, लेकिन उन्हें भी दूसरी पंक्ति में धकेल दिया गया। ओम माथुर बहुत प्रयास कर रहे हैं, लेकिन नेताओं को एकजुट नहीं कर पा रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में कर्नाटक जैसा हालात होने के बारे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि चुनाव नजदीक आ रहे हैं और तभी राष्ट्रीय स्तर के नेता भी राज्य में आएंगे। वे चार महीने तक छत्तीसगढ़ में घूमेंगे और बदले हुए छत्तीसगढ़ को देखेंगे। वे यह देखेंगे कि हमारे चार साल के काम का परिणाम क्या है। उन्होंने कहा कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के आश्रय में कर्नाटक में हुआ हालात, वही छत्तीसगढ़ में भी होने वाला है।
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वहीं, भाजपा में सिर्फ भीड़ बढ़ा रही है यह मुद्दा पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के सोशल इंजीनियरिंग के चक्कर में लोग इसे बताने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि अनुज शर्मा तो पहले से ही उनके साथ थे और जो अभी भाजपा में आए हैं, वे किसी भी पार्टी में पहले से नहीं थे। यह सिर्फ भीड़ बढ़ाने का प्रयास है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने देश में शुरू होने वाली डिजिटल जनगणना पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हम लगातार जातिगत जनगणना की मांग कर रहे हैं क्योंकि 75 साल में कई जातियां पिछड़ गई हैं। जब जातिगत सर्वेक्षण नहीं होगा तो हमें पता कैसे चलेगा, और अगर हमें जानकारी नहीं होगी तो हम कैसे योजनाएं बनाएंगे। उन्होंने बताया कि इसी कारण हमने सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण कराया है और हमारे पास सभी स्थानों से डाटा भी आ गया है। वे बताते हैं कि छत्तीसगढ़ में हमने एक माह में पूरे राज्य में सर्वेक्षण कर लिया है। उनके अनुसार, डिजिटल जनगणना से कोई फायदा नहीं होने वाला है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने देश में शुरू होने वाली डिजिटल जनगणना पर बयां दिया हैं, उन्होंने कहा है की हम लगातार सातीगत जनगणना की मांग कर रहे हैं क्योंकि इस 75 साल में कई जातियां पिछड़ गई हैं. जब जातिगत सर्वेक्षण नहीं होगा तो हमें पता कैसे चलेगा और हमें पता नहीं चलेगा तो हम कैसे योजना बनाएंगे।
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